CTET के Entrance Exam में शिक्षण विधिओं एवं उनके जनक (अर्थात जिन्होंने उन शिक्षण विधिओं से पहली बार लोगों को अवगत कराया) इससे कई बार प्रशन पूछें गए है | अभिभावकों से अनुरोध है की वे दिए गए Table को याद करले क्योंकि इनमे से कोई एक विधि और उसके जनक के विषय में Exam में प्रशन पूछा जा सकता है |
क्रमांक
| शिक्षण विधि | इस विधि के जनक | उनकी तस्वीर |
1. | आगमन विधि | अरस्तु | |
2. | निगमन विधि | अरस्तु | |
3. | प्रश्नोत्तर | सुकरात | |
4. | संवाद | प्लेटो | |
5. | प्रोजेक्ट | किलपैट्रिक | |
6. | खेल | कॉल्ड्वेल कुक | |
7. | डेल्टन | कुं. हेलेन पार्क हर्स्ट | |
8. | हर्बर्ट | हर्बर्ट | |
9. | किंडरगार्टन | फ्रोबेल | |
10. | माण्टेसरी | मारिया माण्टेसरी | |
11. | हयूरिस्टिक | आर्मस्ट्रॉन्ग | |
12. | गैरी | एडवर्ट | |
13. | विनेटका | डॉ. कार्लटूर्न वाश्वर्न |
N/A
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14. | वोटिविया | जॉन कैनेडी |
N/A
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15. | डेक्रोली | डेक्रोली |
N/A
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16. | ओविड | प्रो ओविड डेक्रोली (बेल्जियम) |
N/A
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CTET Study Material Download for Pedagogy – भारतीय दार्शनिको के अनुसार शिक्षा
गुरुदेव
शिक्षा वातावरण के निकटतम संपर्क में दी जानी चाहिए | गुरुदेव के अनुसार -
1 . "शिक्षा का उद्देश्य संपूर्ण प्रकृति और संपूर्ण जीवन से व्यक्ति में एकत्व की भावना का विकास " |
2 . " विद्यार्थी में यह क्षमता विकसित हो जाए की वह प्रकृति के साथ सामंजस्य कर सके और समाज के साथ मनुष्यता का व्यव्हार कर सके "|
1 . "शिक्षा का उद्देश्य संपूर्ण प्रकृति और संपूर्ण जीवन से व्यक्ति में एकत्व की भावना का विकास " |
2 . " विद्यार्थी में यह क्षमता विकसित हो जाए की वह प्रकृति के साथ सामंजस्य कर सके और समाज के साथ मनुष्यता का व्यव्हार कर सके "|
गांधीजी
शिक्षा द्वारा व्यक्ति के संपूर्ण विकास पर जोर | गांधीजी के अनुसार -
"सच्ची शिक्षा वह है जो व्यक्ति के चरित्र का विकास करे, वह सिख जाए के किस तरह उत्तेजनाओं पर नियंत्रण रखा जा सकता है और समाज की सेवा की जा सकती है " |
"सच्ची शिक्षा वह है जो व्यक्ति के चरित्र का विकास करे, वह सिख जाए के किस तरह उत्तेजनाओं पर नियंत्रण रखा जा सकता है और समाज की सेवा की जा सकती है " |
श्री अरविन्द
व्यक्तित्व के चारो ओर के विकास को शिक्षा को स्वस्थ ओर सुलभ बनाकर करने पर जोर | श्री अरविन्द के अनुसार -
1. "प्रत्येक व्यक्ति में एक दूसरे से विपरीत प्रकृतियाँ लगभग बराबर मात्रा में पायी जाती है"|
2. "शिक्षा द्वारा शक्ति के भण्डार को व्यक्तिगत ओर सदा भलाई के मार्गो में मार्गान्तरीकरण कर दिया जाए "|
1. "प्रत्येक व्यक्ति में एक दूसरे से विपरीत प्रकृतियाँ लगभग बराबर मात्रा में पायी जाती है"|
2. "शिक्षा द्वारा शक्ति के भण्डार को व्यक्तिगत ओर सदा भलाई के मार्गो में मार्गान्तरीकरण कर दिया जाए "|
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A-1/17, Janakpuri, Main Najafgarh Road,
Opp Metro Pillar 636, New Delhi – 110058
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